Quantcast
Channel: शिवना प्रकाशन
Viewing all articles
Browse latest Browse all 165

पुण्य स्मरण संध्या में शशिकांत यादव और डॉ आजम सम्मानित हुए

$
0
0

DSC_4765 copy

सुकवि जनार्दन शर्मा, गीतकार रमेश हठीला, शायर डॉ. कैलाश गुरू स्वामी तथा गीतकार मोहन राय की स्मृति में आयोजित पुण्य स्मरण संध्या में सुप्रसिद्ध कवि श्री शशिकांत यादव शशि को सुकवि रमेश हठीला सम्मान तथा डॉ. मोहम्मद आज़म को जनार्दन शर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। दोनों सम्मानित कवियों ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
स्थानीय ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगरपालिका अध्यक्ष श्री नरेश मेवाड़ा उपस्थित थे कार्यक्रम की अध्यक्षता शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पा दुबे ने की । कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित किया चारों साहित्यकारों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की । सुकवि संतोष जैन संतु ने मां सरस्वती की वंदना का सस्वर पाठ किया । आयोजक संस्था स्मृति के संयोजक पत्रकार बसंत दासवानी, समाजसेवी ओमदीप, श्री राममूर्ती शर्मा, रियाज मोहम्मद, अनिल पालीवाल, अनवारे इस्लाम, हरिओम शर्मा दाऊ, अब्दुल रशीद शैदा, रमेश गोहिया,  श्रवण मावई ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया । स्वागत भाषण देते हुए बसंत दासवानी ने आयोजन के बारे में जानकारी दी । इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध कवि श्री शशिकांत यादव को प्रथम सुकवि रमेश हठीला सम्मान तथा शायर डॉ. मोहम्मद आज़म को तैंतीसवां सुकवि जनार्दन सम्मान प्रदान किया गया । श्री नरेश मेवाड़ा तथा डॉ. पुष्पा दुबे ने शाल, श्रीफल तथा सम्मान पत्र भेंट कर ये सम्मान प्रदान किये । इस अवसर पर बोलते हुए नपाध्यक्ष श्री नरेश मेवाड़ा ने कहा कि 19 जनवरी का ये दिन सीहोर के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों तथा श्रोताओं को याद दिलाने की आवश्यकता ही नहीं होती, तैंतीस सालों में इस आयोजन ने एक अलग पहचान स्थापित कर ली है । उन्होंने कार्यक्रम को और भव्य स्तर पर आयोजित किये जाने की बात कही । डॉ पुष्पा दुबे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में चारों साहित्यकारों के साहित्यिक अवदान पर विस्तृत चर्चा की । उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन के दूसरे उदाहरण बहुत मुश्किल से मिलेंगे जहां पर शहर इस प्रकार से अपने साहित्यकारों को याद कर रहा है । उन्होंने इस बात को लेकर स्मृति संस्था की सराहना की कि तैंतीस सालों से एक आयोजन को अनवरत किया जा रहा है । कवि शशिकांत यादव ने काव्य पाठ से पहले अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सीहोर मुझे अपना ही शहर लगता है यहां कविता के संस्कार हैं । श्री यादव ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता फैसला तो हो चुका है फासले घटाइये  सहित कई छंद और मुक्तक पढ़े । श्रोताओं के अनुरोध पर उन्होंने गुजरात सरकार के लिये लिखी अपनी कविता मतदान ज़रूरी है भी पढ़ी । डॉ. मोहम्मद आज़म ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कवि के रूप में, शायर के रूप में मुझे सीहोर शहर ने ही तराशा है, सीहोर ने ही मुझे स्थापित किया है । डॉ आज़म ने अपनी प्रसिद्ध ग़ज़ल नहीं जहर की थैली इन्सां के मुंह में, ज़बां से मगर वो उगलता बहुत है, सहित कई ग़ज़लों का पाठ किया जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा । कार्यक्रम का संचालन कर रहे स्मृति के अध्यक्ष तथा साहित्यकार पंकज सुबीर ने श्रोताओं के अनुरोध पर अपने गीत दर्द बेचता हूं मैं का सस्वर पाठ किया । अंत में आभार व्यक्त करते हुए हरिओम शर्मा दाऊ ने कहा कि सीहोर के लोगों ने उस शायर को गलत साबित कर दिया है जिसने कहा था कल कोई मुझको याद करे, क्यों कोई मुझको याद करे । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, कवि, पत्रकार, साहित्यकार तथा श्रोता उपस्थित थे ।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 165

Trending Articles