Quantcast
Channel: शिवना प्रकाशन
Viewing all 165 articles
Browse latest View live

शिवना साहित्यिकी का जुलाई-सितम्बर 2017 अंक

$
0
0

मित्रों, संरक्षक तथा सलाहकार संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingraप्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर, कार्यकारी संपादक- शहरयार Shaharyarतथा सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का जुलाई-सितम्बर 2017 अंक अब ऑनलाइन उपलब्धl है। इस अंक में शामिल है संपादकीय, शहरयार Shaharyar। व्यंग्य चित्र -काजल कुमार Kajal Kumar। आवरण कविता - शमशेर बहादुर सिंह, आवरण चित्र के बारे में....- विस्मय / पल्लवी त्रिवेदी Pallavi Trivedi , उपन्यास अंश- पागलखाना / डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी Gyan Chaturvedi , संस्मरण आख्यान- होता है शबोरोज़ तमाशा मिरे आगे, सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth , कथा-एकाग्र- नीलाक्षी फुकन Nilakshi Phukanकहानी विखंडन Ajay Navaria , अनीता सक्सेना Anita Saxenaकहानी Mehrunnisa Parvez , पुस्तक चर्चा- हँसी की चीखें / कांता राय Kanta RoySantosh Supekar , एक वह कोना / गोविंद भारद्वाज Govind BhardwajGovind Sharma , पहाड़ पर धूप / यादवेंद्र शर्मा Murari Sharma , फिल्म समीक्षा के बहाने- हिन्दी मीडियम, माम, वीरेन्द्र जैन Virendra Jain , बातें-मुलाक़ातें- कृष्णा अग्निहोत्री Krishna Agnihotri , ज्योति जैन Jyoti Jain , रंगमंच- आर्यभट्ट और नाटक ‘अन्वेषक’, प्रज्ञा Pragya Rohini , पेपर से पर्दे तक- कृष्णकांत पंड्या Krishna Kant Pandya, पुस्तक-आलोचन- यादों के गलियारे से / कैलाश मण्डलेकर Kailash Mandlekar , समीक्षा, वंदना गुप्ता Vandana GuptaMaitreyi Pushpa / वो सफ़र था कि मुकाम था, शिखा वार्ष्णेय Shikha VarshneyAruna Sabharwal / उडारी, डॉ. ज्योति गोगिया @jyoti gogiya Sudha Om Dhingra / धूप से रूठी चाँदनी, योगिता यादव Yogita YadavShashi Padha / लौट आया मधुमास, शरद सिंह Sharad Singh@manohar agnani / अंदर का स्कूल, तरही मुशायरा Digamber NaswaNusrat Mehdi @mahesh khalish Saurabh PandeyNirmal SidhuGirish PankajTilak Raj Kapoor @sudhir tyagi @vasudeo agrwal Rakesh Khandelwal , आवरण चित्र- पल्लवी त्रिवेदी Pallavi trivedi photography photography - डिज़ायनिंग-सनी गोस्वामी Sunny Goswami। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-

https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-july-september-2017
https://issuu.com/shivnaprakashan/docs/shivna_sahityiki_july_september_201


शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित डॉ. मुकेश कुमार Mukesh Kumar के संग्रह फ़ेक एनकाउंटर का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुआ विमोचन

$
0
0

IMG_2802

23 सितंबर, नई दिल्ली। कोई भी सर्व सत्तावादी जिस चीज़ से सबसे ज़्यादा डरता है वह है व्यंग्य। वह व्यंग्य को बर्दाश्त नहीं कर पाता यहां तक कि कार्टून को बर्दाश्त नहीं कर पाता। ऐसे में व्यंग्य लिखना भारी जोखिम का काम है और वह मुकेश कुमार ने किया है। ये उनका दुस्साहस है कि उन्होंने फेक एनकाउंटर लिखा। ये विचार जाने-माने कथाकार एवं कवि उदयप्रकाश UDAY Prakashने डॉ. मुकेश कुमार की किताब फेक एनकाउंटर के लोकार्पण के अवसर पर कही। लोकार्पण दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सभागार में हुआ। कार्यक्रम में साहित्य एवं पत्रकारिता के अलावा अन्य क्षेत्रों के सौ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उदयप्रकाश ने कहा, “ मैंने इस किताब को पढ़ा है और मैं ये कह सकता हूँ कि ये एक ऐसी किताब है जिसे शुरू करने के बाद रखना मुश्किल हो जाता है। मुकेश कुमार ने कभी भी सामाजिक सरोकारों को छोड़ा नहीं और वह प्रतिबद्धता फ़ेक एनकाउंटर में भी देखी जा सकती है।“
उदयप्रकाश ने किताब की खूबियों पर रोशनी डालते हुए कहा कि सभी फ़ेक एनकाउंटर बहुत चित्रात्मक हैं, विजुअल हैं और इसका नाट्य रूपांतर करके कोई टेलीविज़न शो किया जाए तो वह चैनलों पर चलने वाले कई व्यंग्यात्मक कार्यक्रमों से बेहतर होगा, वह अद्भुत होगा और उसे बनाया जाना चाहिए।
इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम थानवी Om Thanviने मौजूदा समय की चुनौतियों, बढ़ती असहिष्णुता सत्ताधारियों के चरित्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि मुकेश जी के सौम्य व्यक्तित्व की झलक इस किताब की भाषा और उनके कहने के अंदाज़ में भी है। शोर-शराबे के इस दौर में मुकेश ऐसा कर रहे हैं ये अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि फ़ेक एनकांउटर में काल्पनिक इंटरव्यू के ज़रिए उन्होंने मौजूदा दौर का खाक़ा खींचा है और कहना होगा कि उनकी रेंज बहुत बड़ी है। उन्होंने ओबामा से लेकर मोदी तक सबके साथ एनकाउंटर किया है और साथ ही साथ पत्रकारों की स्थिति को भी उजागर किया है। थानवी ने कहा कि ये बहुत ख़तरनाक़ दौर है और इस किताब के बहाने उस दौर की भी चर्चा की जानी चाहिए, उसे भी जाँचा-परखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की हैसियत से हिस्सा ले रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक प्रियदर्शन ने कहा कि वे फ़ेक एनकाउंटर लगातार पढ़ते रहे हैं और उसे एक किताब के रूप में पढ़ना उनके लिए एक नया अनुभव था। उन्होंने कहा कि किताब में संकलित फर्ज़ी एनकाउंटर झूठ को बेनकाब करते हैं। मुकेश जी ने व्यंग्य के शिल्प को बहुत करीने से साधा है और वह पारंपरिक शिल्प नहीं है। हम लोग व्यंग्य की जिस परंपरा की बात करते हैं ये उनसे हटकर हैं। वे पत्रकारिता के भीतर इंटरव्यू के मार्फ़त उन स्थितियों को ऐसे रख देते हैं जो अपने ढंग से विडंबनामूलक हैं और हम उन्हें व्यंग्य की तरह पढ़ने लगते हैं। मुझे अंदेशा था कि कहीं पूरी की पूरी किताब उसी वैचारिक लाइन पर न हो जिसके लिए लेखकों को बदनाम कर दिया गया है। मैंने पाया कि ये शिथिलता बिल्कुल भी नहीं है और इसमें सारे पक्ष आ गए हैं। ये शिकायत कोई नहीं कर सकता कि ये किताब किसी एक विचारधारा की ओर झुकी हुई है।
प्रियदर्शन ने किताब की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि मुकेशजी शिल्प के स्तर पर भी प्रयोग कर रहे हैं.। उन्होंने कार्टून और कैरीकेचर की विधा का भी इसमें इस्तेमाल किया है। वे अपने पर भी चुटकी लेने से परहेज़ नहीं करते। उन्होंने कहा कि किताब पर तात्कालिकता बहुत हावी है और इसलिए मैं पाता हूं कि दस-पंद्रह साल बाद कोई पढ़ेगा तो उसे आज के चरित्रों के बारे में कितना पता होगा। मुकेश जी को तात्कालिकता से आगे जाने की ज़रूरत है। इस सबके बावजूद इसे लगातार पढ़ने की होती है और इसे कहीं से भी पढ़ा जा सकता है।
किताब के लेखक डॉ. मुकेश कुमार ने कहा कि हम एक फ़ेक समय में रह रहे हैं। इस समय मे सब कुछ फ़ेक है। मीडिया तो फ़ेक है ही, फ़ेक राष्ट्रवाद है, फ़ेक दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक प्रेम है। उन्होंने कहा कि नेता राजनीति फ़ेक है और इस वजह से लोकतंत्र भी फ़ेक लगने लगा है। इस फ़ेक को काटने के लिए उन्होंने इन फर्जी एनकाउंटर का सहारा लिया और उन्हें खुशी है कि इन्हें देश भर में खूब पढ़ा और सराहा गया।
सुपरिचित कवयित्री एवं शिवना प्रकाशन की निदेशक पारुल सिंह Parul Singhने किताब का परिचय देते हुए कहा कि फेक एनकाउंटर अनूठा व्यंग्य संग्रह है और व्यंग्य पत्रकारिता की पहली पुस्तक है। ये व्यंग्य संग्रह पहले बनाए गए दायरों को तोड़कर आगे निकल जाता है। मुकेश कुमार ने बहुत सारे नए प्रयोग किए हैं और इसलिए भी साहित्य एवं पत्रकारिता जगत में इसकी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने मुकेश कुमार इसके लिए आभार व्यक्त किया कि उन्होंने ये व्यंग्य संग्रह प्रकाशन के लिए शिवना प्रकाशन को दिया।
लोकार्पण समारोह की एक बड़ी विशेषता जानी मानी टीवी ऐंकर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी Arfa Khanumका संचालन रहा। अपने टीवी कार्यक्रमों की ही तरहअपने सधे हुए संचालन के ज़रिए उन्होंने किताब को मौजूदा संदर्भों, समस्याओं और विवादों से जोड़ते हुए बातचीत को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्होंने किताब के कुछ अंश पढ़े और अपनी तीखी एवं चुटीली टिप्पणियों से मीडिया के चरित्र को उजागर किया भी किया।
आरफ़ा ने मुकेश कुमार की ऐंकरिंग की चर्चा करते हुए कहा कि मैं उन्हें बतौर ऐंकर अच्छे से जानती है वह आतंकित कर देने वाली ऐंकरिंग के विपरीत सौम्यता लिए हुए है। यही बात उनकी इस किताब में दिखती है। उन्होंने किताब के कुछ अंशों का पाठ भी किया।

शिवना साहित्यिकी का अक्टूबर-दिसम्बर 2017 अंक

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerकार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का अक्टूबर-दिसम्बर 2017 अंक अब ऑनलाइन उपलब्धl है। इस अंक में शामिल है- आवरण कविता जीवन भर का उजाला / सुरजन परोही , संपादकीय / शहरयार, व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar , आलोचना आलोचना में संप्रेषण का प्रश्न, पंकज पराशर Pankaj Parashar , संस्मरण आख्यान होता है शबोरोज़ तमाशा मिरे आगे, सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth , विमर्श स्वातंत्र्योत्तर आदिवासी काव्य में समाज और संस्कृति / रजनी मल्होत्रा Rajni Nayyar Malhotra , संस्मरण इन्डियन फ़िल्में और लड़कियाँ सबूहा ख़ान Zeba Alavi , फिल्म समीक्षा के बहाने लिपिस्टिक अन्डर माई बुरका, न्यूटन वीरेन्द्र जैन Virendra Jain , पुस्तक-आलोचना महेश दर्पण Mahesh Darpan / चुनी हुई कहानियाँ : सूर्यबाला Suryabala Lal / सूर्यबाला, नई पुस्तक कल्चर वल्चर / ममता कालिया Mamta Kalia , प्रकाश कांत Prakash Kant / अपने हिस्से का आकाश, खिड़की खुलने के बाद / @नीलेश रघुवंशी Neelesh Raghuwanshi , असंभव से संभव की ओर / तरुण पिथोड़े Tarun Pithodeरंगमंच प्रज्ञा Pragya Rohini / प्रेम जनमेजयके दो व्यंग्य नाटक / डॉ. प्रेम जनमेजय, पुस्तक चर्चा फ़ारुक़ आफ़रीदी Farooq Afridy Jaipur / विलायती राम पांडेय / लालित्य ललित Lalitya Lalit , @महावीर रवांल्टा / पथ का चुनाव / कांता राय Kanta Roy , डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी Reshmi Panda Mukherjee / अस्थायी चार दीवारी / वाणी दवे @vani dave , समीक्षा डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी Gyan Chaturvedi / सच कुछ और था / सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , शैलेन्द्र अस्थाना Shailendra Asthana / विघटन / जयनंदन Jai Nandan , प्रदीप कान्त / सजदे में आकाश / कुमार विनोद @kumar vinod , शशि कुमार पांडेय @shashi kumar pandey / फ़ेक एनकाउंटर / डॉ. मुकेश कुमार Mukesh Kumar , सुरजीत सिंह @surjeet singh / बुरी औरत हूँ मैं / वंदना गुप्ता Vandana Gupta , सौरभ पाण्डेय Saurabh Pandey / थोड़ा लिखा समझना ज़्यादा / जय चक्रवर्ती Jai Chakrawarti , पारुल सिंह Parul Singh / चौपड़े की चुड़ैलें / पंकज सुबीर Pankaj Subeer , फ़िल्म-आलोचना पार्टीशन : 1947 - तथ्यात्मक भ्रांतियों के बीच मानवीय संवेदनशीलता प्रमोद मीणा Pramod Meena। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरु Babbal Guruडिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami ,
आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-

https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-oct-dec-17-web

https://issuu.com/shivnaprakashan/docs/shivna_sahityiki_oct_dec_17_web

शिवना साहित्यिकी का जनवरी-मार्च 2018 अंक

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerr कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का जनवरी-मार्च 2018 अंक अब ऑनलाइन उपलब्धl है। इस अंक में शामिल है- आवरण कविता, कहाँ गई चिड़िया...? / लालित्य ललित Lalitya Lalit , संपादकीय, शहरयार Shaharyar। व्यंग्य चित्र, काजल कुमार Kajal Kumar। आलोचना, नई सदी के हिंदी उपन्यास और किसान आत्महत्याएँ, डॉ. सचिन गपाट Sachin Gapat। संस्मरण आख्यान, सुशील सिद्धार्थ Sushil SiddharthGyan Chaturvedi। विमर्श- गोदान के पहले, जीवन सिंह ठाकुर Jeevansingh Thakurr । संस्मरण- अविस्मरणीय कुँवर जी, सरिता प्रशान्त पाण्डेय । फिल्म समीक्षा के बहाने- मुज़फ्फरनगर, वीरेन्द्र जैन Virendra Jain। पेपर से पर्दे तक..., कृष्णकांत पण्ड्या Krishna Kant Pandya। पुस्तक-आलोचना- चौबीस किलो का भूत, अतुल वैभव Atul Vaibhav SinghBharat Prasad। नई पुस्तक- हसीनाबाद / गीताश्री Geeta Shree , गूदड़ बस्ती / प्रज्ञा Pragya Rohini। समीक्षा- उर्मिला शिरीष Urmila Shirish , चौपड़े की चुड़ैलें, पंकज सुबीर, अशोक अंजुम Ashok AnjumAshok Anjum , सच कुछ और था / सुधा ओम ढींगरा, मुकेश दुबे Mukesh Dubey , बंद मुट्ठी / डॉ. हंसा दीप @Dharm Jain , राम रतन अवस्थी Ram Ratan Awasthii , बातों वाली गली / वंदना अवस्थी दुबे, डॉ. ऋतु भनोट Bhanot Ritu , जोखिम भरा समय है / माधव कौशिक Madhav Kaushik , प्रतीक श्री अनुराग @pratik shri anurag / संतगिरी / मनोज मोक्षेंद्र Mokshendra Manoj। आवरण चित्र पल्लवी त्रिवेदी Pallavi Trivedi , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा। ऑन लाइन पढ़ें-
https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-january-march-2018-for-web
https://issuu.com/shivnaprakashan/docs/shivna_sahityiki_january_march_2018

नई पुस्तकें

शिवना साहित्यिकी का अप्रैल-जून 2018 अंक

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerr , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का अप्रैल-जून 2018 अंक अब ऑनलाइन उपलब्धl है। इस अंक में शामिल है- आवरण कविता - पारुल सिंहParul Singh। संपादकीय / शहरयार। व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar। स्मरण - सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth /अशोक मिश्र Ashok Mishraa । जो पिछले दिनों पढ़ा... हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज गौतम राजऋषि , गूदड़ बस्ती Pragya Rohini , अभी तुम इश्क़ में और हसीनाबाद Geeta Shree , सुधा ओम ढींगरा। विमर्श - फ़ेक एनकाउंटर / प्रेम जनमेजय, अपूर्व जोशी Apoorva Joshi। पेपर से पर्दे तक... कृष्णकांत पण्ड्या Krishna Kant Pandya। फिल्म समीक्षा के बहाने- निमकी मुखिया / वीरेन्द्र जैन Virendra Jain। पुस्तक-आलोचना- हंसा आएगी ज़रूर / डॉ. सीमा शर्मा। पुस्तक चर्चा - चम्बल में सत्संग / अशोक अंजुम Ashok Anjum। तेरी हँसी -कृष्ण विवर सी / पूनम सिन्हा ‘‘श्रेयसी’’ Punam Sinha। हैप्पीनेस ए न्यू मॉडल ऑफ ह्यूमन बिहेवियर / तरुण कुमार पिथोड़े Tarun PithodeMukesh Dubey , टुकड़ा टुकड़ा इन्द्रधनुष / आशा शर्मा, निब के चीरे से / ओम नागर Om Nagar , पुरवाई/ कृष्णा अग्निहोत्री Krishna Agnihotri , तुम्हारे जाने के बाद / कृष्णकांत निलोसे Krishnakant Nilosey Dr Prakash DrPrakash Hindustanii । समीक्षा- चित्रा देसाई Chitra Desai / ज़िंदगी का क्या किया / धीरेन्द्र अस्थाना Dhirendra Asthana , जवाहर चौधरी Jawahar Choudhary / स्वप्नदर्शी / अश्विनी कुमार दुबे , सुषमा मुनीन्द्र @sushma munindra / तपते जेठ में गुलमोहर जैसा / सपना सिंह, घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ Ghanshyam Maithil Amrit / ढाक के तीन पात / मलय जैन Maloy Jain , राजेश्वरी @rajeshwari / अच्छा, तो फिर ठीक है/ कामेश्वर Kameshwar Pandey , रेणु / मन कितना वीतरागी / पंकज त्रिवेदी Pankaj Trivedi Pankaj Trivedi , डॉ. नितिन सेठी / 51 किताबें ग़ज़लों की / नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , पारुल सिंह Parul Singh / बात फूलों की / सर्वजीत सर्व , गोविन्दप्रसाद बहुगुणा / हाईवे E 47/ अर्चना पैन्यूली Archana Painuly। यात्रा संस्मरण- पधारो म्हारे देस ...../ राजश्री मिश्रा Rajshree Mishra। रपट- भारत भवन/ प्रवीण पाण्डेय Praveen Pandey , नाटक / प्रज्ञा Pragya Rohini। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा। ऑन लाइन पढ़ें-

https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-april-june-2018-web

https://issuu.com/shivnaprakashan/docs/shivna_sahityiki_april_june_2018_we

वैश्विक हिन्दी चिंतन की त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम-स्वर"का वर्ष : 3, अंक : 10 त्रैमासिक : जुलाई-सितम्बर 2018

$
0
0

मित्रों, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingraएवं संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerके संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम-स्वर" का वर्ष : 3, अंक : 10 त्रैमासिक : जुलाई-सितम्बर 2018, संपादकीय, मित्रनामा, साक्षात्कार- सुमन घई Suman K. Ghaiके साथ सुधा ओम ढींगरा की बातचीत। कथा कहानी- बत्तीस कलाओं के लीलाधारी- भरत प्रसाद Bharat Prasad , और कुलसूम मर गई...- ज़ेबा अलवी Zeba Alavi , मास्साब- डॉ. कविता विकास Kavita Vikas , गुलशन कौर- देवी नागरानी Devi Nangrani , तवे पर रखी रोटी- डॉ.विभा खरे , नम्बर प्लेट- राजेश झरपुरे Rajesh Zarpure। लघुकथाएँ- खिलौना- अमरेंद्र मिश्र Amrendra Mishra , मूर्तिकार- सुरेश सौरभ, कट्टरपंथी - राहुल शिवाय Rahul Shivay , बिखरी पंखुड़ियाँ - ज्योत्सना सिंह , भैंस के आगे बीन बजाना - गोवर्धन यादव Goverdhan Yadav , एक लाश-एक चेहरा- अमरेंद्र मिश्र। भाषांतर- एक मुक़दमा और एक तलाक़, यीडिश कहानी, मूल कथा : आइज़ैक बैशेविस सिंगर, अनुवाद : सुशांत सुप्रिय Sushant Supriye। व्यंग्य- टर गए हरीशचंद्र, प्रेम जनमेजय। दृष्टिकोण- सिविक सेन्स, कृष्ण कान्त पण्ड्या Krishna Kant Pandya। व्यक्ति विशेष- सूर्य भानु गुप्त, वीरेंद्र जैन Virendra Jain। शहरों की रूह- इण्डोनेशिया का रंगमंच / रामलीला, हिजाब वाली सीता, डॉ. अफ़रोज़ ताज Afroz Taj
संस्मरण- सुधियों के पन्नों से- माश्की काका, शशि पाधा Shashi Padha। स्मृति शेष- मास्टर ग़ज़लकार प्राण शर्मा को श्रद्धांजलि, उषा राजे सक्सेना Usha Raje Saxena। ग़ज़लें- विज्ञान व्रत Vigyan Vrat , सुभाष पाठक ‘ज़िया’ , राज़िक़ अंसारी Razik Ansari , ख़याल खन्ना। कविताएँ- @अनिल प्रभा कुमार AnilPrabha Kumar , डॉ. प्रदीप उपाध्याय @pradeep upadhyay , प्रगति गुप्ता Pragati Gupta , @मालिनी गौतम @malini gautam , प्रतिभा चौहान Pratibha Chauhan , डॉ. संगीता गांधी @sangita gandhi , नीलिमा शर्मा निविया @nilima sharma , परितोष कुमार ‘पीयूष’ @paritosh kumar piyush , गौरव भारती Gaurav Bharti , पूनम सिन्हा ‘श्रेयसी’ @poonam sinha । नवगीत- जगदीश पंकज @jagdish pankaj। समाचार सार- अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन Jyoti Jain , ‘मोगरी’ का लोकार्पण Murari Gupta , छोटे बच्चे गोल-मटोल का लोकार्पण, अरुण अर्णव खरे के संग्रह कालोकार्पण Arun Arnaw Khare , रामदरश मिश्र का सम्मान, डॉ. कमलकिशोर गोयनका प्रज्ञा सम्मान Kamal Kishore Goyanka , अभी तुम इश्क़ में हो का लोकार्पण , गोपालदास नीरज को सम्मानित किया, कथाकार अभिमन्यु अनत को श्रद्धांजलि, शैलेंद्र शरण के संग्रहों का लोकार्पण Shailendra Sharan , डॉ. लालित्य ललित Lalitya Lalitको सम्मान, डॉ. कर्नावट Jawahar Karnavatको राष्ट्रीय पुरस्कार, ध्रुपद कार्यशाला, चन्दन-माटी उपन्यास का विमोचन, पटना में लघुकथा विमर्श कार्यक्रम, साहित्य आयोजन पश्चिमी दिल्ली में, मोर्रिस्विल्ल में साहित्यिक गोष्ठी, गुफ़्तगू सम्मान समारोह, आख़िरी पन्ना 74 आख़िरी पन्ना। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा Babbal Guruडिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny GoswamiShaharyar Amjed Khan , आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्क़रण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें
https://www.slideshare.net/vib…/vibhom-swar-jul-sep-2018-web
https://issuu.com/vibhoms…/docs/vibhom_swar_jul_sep_2018_web
वेबसाइट से डाउनलोड करें
http://www.vibhom.com/vibhomswar.html
फेस बुक पर
https://www.facebook.com/Vibhomswar
ब्लाग पर
http://vibhomswar.blogspot.in/
http://www.vibhom.com/blogs/
http://shabdsudha.blogspot.in/
विभोम स्वर टीम

शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 10 त्रैमासिक : जुलाई-सितम्बर 2018

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 10 त्रैमासिक : जुलाई-सितम्बर 2018 इस अंक में आवरण कविता पानी / प्रेमशंकर शुक्ल Premshankar Shukla , संपादकीय / शहरयार Shaharyar , व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar, विशेष पुस्तक- दो लोग / गुलज़ार Gulzar / समीक्षक : पंकज सुबीर Pankaj Subeer , पीढ़ियाँ आमने-सामने- फुगाटी का जूता / मनीष वैद्य Manish Vaidya , समीक्षक : रमेश उपाध्याय Ramesh Upadhyaya, विमर्श- दस प्रतिनिधि कहानियाँ / सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , विमर्श : डॉ. सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth , पेपर से पर्दे तक- सिनेमा एक कला और तकनीक, कृष्णकांत पण्ड्या Krishna Kant Pandya , जो पिछले दिनों पढ़ा- ठगलाइफ़ / प्रितपाल कौर Pritpal Kaur , समीक्षक : सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , शोध-आलेख- शब्द पखेरू / नासिरा शर्मा Nasera Sharma , शोध : शगुफ्ता यास्मीन, नैनसी का धूड़ा / स्वयं प्रकाश Swayam Prakash , शोध : श्वेता बर्नवाल, नई पुस्तक- ऑफ़ द स्क्रीन / ब्रजेश राजपूत Brajesh Rajput , पुस्तक चर्चा- शब्द, शुद्ध उच्चारण और पदभार / ज़हीर क़ुरैशी / डॉ. आज़म Mohammed Azam , आचमन, प्रेम जल से / प्रतिमा अखिलेश Pratima Akhilesh / ई. अर्चना नायडू Archana Nayudu , पेड़ों पर हैं मछलियाँ / अमरेंद्र मिश्र Amrendra Mishra / प्रतिभा चौहान Pratibha Chauhan , एक थका हुआ सच / मंजू महिमा Manju Mahima / अतिया दाऊद Devi Nangrani , समीक्षा- अभी तुम इश्क़ में हो / प्रो. डॉ. मुहम्मद नौमान ख़ाँ / पंकज सुबीर, स्वप्नपाश / मीरा गोयल Meera Goyal / मनीषा कुलश्रेष्ठ Manisha Kulshreshtha , रेखाएँ बोलती हैं / राकेश कुमार Rakesh Kumar / गीताश्री Geeta Shree, पागलखाना / ब्रजेश राजपूत Brajesh Rajput / डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी Gyan Chaturvedi , मोगरी / डॉ. रेवन्त दान बारहठ Dr-Rewant Dan / मुरारी गुप्ता Murari Gupta , उच्च शिक्षा का अंडरवर्ल्ड / प्रकाश कांत Prakash Kantt / जवाहर चौधरी Jawahar Choudhary , मैं शबाना / फारूक़ आफरीदी Farooq Afridy Jaipur / यूसुफ़ रईस Yusuf Rais , आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरू Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny GoswamiSunil Suryavnshi। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा। ऑन लाइन पढ़ें-

https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-jul-sep-2018-web-105271686

https://issuu.com/shivnaprakashan/docs/shivna_sahityiki_jul_sep_2018_web


शिवना प्रकाशन की नई पुस्तकें

India Inside

Jalprantar By Pankaj Parashar

"विभोम-स्वर"का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018

$
0
0

मित्रो, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingraएवं संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerके संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम-स्वर" का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018 संपादकीय, मित्रनामा, साक्षात्कार, रेखा राजवंशी Rekha Rajvanshiके साथ सुधा ओम ढींगरा की बातचीत, कथा कहानी- नाच-गान- उर्मिला शिरीष Urmila Shirish , बर्फ के आँसू- डॉ.पुष्पा सक्सेना Pushpa Saxena , गहरे तक गड़ा कुछ- डॉ. रमाकांत शर्मा Ramakant Sharma , तुरपाई- वीणा विज ‘उदित’ Veena Vij , आहटें- सुदर्शन प्रियदर्शिनी @sudershan priyadarshini , अब मैं सो जाऊँ...- डॉ. गरिमा संजय दुबे DrGarima Sanjay Dubey , बस एक अजूबा- नीलम कुलश्रेष्ठ Neelam Kulshreshtha , मजनू का टीला- नीरज नीर Neeraj Neer। लघुकथाएँ ममता- डॉ. आर बी भण्डारकर Dr-rb Bhandarkar , अनन्य भक्त, गोरैया प्रेम, -सुभाष चंद्र लखेड़ा Subhash Chandra Lakhera , पश्चाताप, मुर्दों के सम्प्रदाय- डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी Chandresh Kumar Chhatlani , करेले की बेल- किशोर दिवसे Kishore Diwase , रक्षा-बंधन- विश्वम्भर पाण्डेय ‘व्यग्र’ , और वह लौट गया- मुरलीधर वैश्णव Murlidhar Vaishnav। भाषांतर संतरा- पोलिश कहानी - वलेरियन डोमेंस्की, अनुवादक- मलय जैन Maloy Jain , जे. तेकुरा मेसन- अनुवादक- डॉ. अमित सारवाल Amit Sarwal। व्यंग्य भाया बजाते रहो- स्वाति श्वेता Swati Shweta। दृष्टिकोण- चिन्तन के पल- शशि पाधा Shashi Padha। व्यक्ति विशेष मुंशी हीरालाल जी जालोरी- मंजु ‘महिमा’ Manju Mahima। शहरों की रूह चिनार ने कहा था- मुरारी गुप्ता Murari Gupta। ग़ज़लें अनिरुद्ध सिन्हा Anirudh Sinha , शिज्जु शकूर Shijju Shakoor , नुसरत मेहदी Nusrat Mehdi। दोहे डॉ. गोपाल राजगोपाल Gopal B Rajgopal। कविताएँ जालाराम चौधरी Jala Ram Choudhary , गीता घिलोरिया Gita Ghiloria , रोहित ठाकुर Rohit Thakur , पंखुरी सिन्हा Pankhuri Sinha , प्रीती पांडे @preeti pande , केशव शरण Keshav Sharan। नवगीत शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ Shivanand Singh Sahyogi , गरिमा सक्सेना Garima Saxena , सोनरूपा विशाल Sonroopa Vishal। समाचार सार बिलासपुर में राष्ट्रीय व्यंग्य महोत्सव प्रेम जनमेजय , ‘चारों ओर कुहासा है’, का लोकार्पण Raghuvir Sharma , ‘नए समय का कोरस’ पर चर्चा Rajni Gupt , मदारीपुर जंक्शन पर चर्चा आयोजित Balendu Dwivedi , व्यंग्य की कलम से आयोजन Farooq Afridy Jaipur , मुंबई में साहित्य समारोह, अनिल शर्मा की पुस्तक का लोकार्पण, चलो, रेत निचोड़ी जाए, आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा शताब्दी समारोह Jawahar Karnavat , ‘सृजन संवाद’ की हीरक जयंति, ‘नव अर्श के पांखी’ का विमोचन, हिंदी कार्यशाला, ‘अभिनव प्रयास’ काव्य समारोह Ashok Anjum , अर्चना नायडू सम्मानित Archana Nayudu , अशोक मिज़ाज की चुनिंदा ग़ज़लें Ashok Mizaj Badr , सुँदर काण्ड : भावनुवाद Lavanya Shah , ‘ओम फट फटाक’ का लोकार्पण , पूरन सिंह को दलित अस्मिता सम्मान Puran Singh , डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को लमही सम्मान Gyan ChaturvediVijai Rai , शांतिलाल जैन को सम्मान Shantilal Jain। आख़िरी पन्ना
आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा Babbal Guruडिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny GoswamiShaharyar Amjed Khan , आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्क़रण भी समय पर आपके हाथों में होगा।

अंक को यहाँ ऑनलाइन पढ़ें अथवा डाउनलोड करें-

https://www.slideshare.net/vibhomswar/vibhom-swar-october-december-2018-web

https://issuu.com/vibhomswar/docs/vibhom_swar_october_december_2018_w

वेबसाइट से डाउनलोड करें
http://www.vibhom.com/vibhomswar.html
फेस बुक पर
https://www.facebook.com/Vibhomswar
ब्लाग पर
http://vibhomswar.blogspot.in/

शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar Amjed Khan , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 11 त्रैमासिक : अक्टूबर-दिसम्बर 2018 इस अंक में कुछ यूँ... आवरण कविता / परवीन शाकिर, संपादकीय / शहरयार, व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar , विशेष पुस्तक- मुक्तिबोध का मुक्तिकामी स्वप्नद्रष्टा, रमेश उपाध्याय Ramesh Upadhyaya , समीक्षक : डॉ. राकेश कुमार Rakesh Kumar। पीढ़ियाँ आमने-सामने- इस हमाम में / सूर्यबाला @soorybala , समीक्षक : राहुल देव Rahul Dev। विमर्श- पेड़ ख़ाली नहीं है / नरेन्द्र नागदेव Narendra Nagdev , विमर्श : गोविन्द सेन Govind Sen। शोध-आलेख- नारी अस्मिता का प्रश्न / त्रिशिला तोंडारे @trishila tondare । डायरी- नग्गर - रोरिख़ और प्रणव का नगर, पल्लवी त्रिवेदी Pallavi Trivedi। फ़िल्म समीक्षा के बहाने- मुल्क, संजू / वीरेन्द्र जैन Virendra Jain। पुस्तक चर्चा, हत्यारी सदी में ... / गौतम राजऋषि / मुकेश निर्विकार मुकेश निर्विकार , सतरंगी मन @satrangi man / अरुण लाल Arun Lal / शिल्पा शर्मा @shilpa sharma , वह मुक़ाम कुछ और / अशोक ‘अंजुम’ Ashok Anjum / उदय सिंह ‘अनु Kunwar Uday Singh Anuj’, शतदल / सुरेश सौरभ @suresh saurabh / डाक्टर मृदुला शुक्ला @mridula shukla । समीक्षा अस्सी घाट का बाँसुरी वाला / डॉ. सीमा शर्मा / तेजेन्द्र सिंह लूथरा @tejendra singh luthra , तुम्हारे जाने के बाद / प्रकाश कान्त Prakash Kant / कृष्णकान्त निलोसे @krishnkant nilose , मदारीपुर जंक्शन / ओम निश्चल Om Nishchal / बालेन्दु द्विवेदी Balendu Dwivedi , जो घर फूँके आपना / मलय जैन Maloy Jain / अरुणेंद्र नाथ वर्मा Arunendra Verma , हैश, टैग और मैं / प्रभाशंकर उपाध्याय @prabhashankar upadhyay / अरुण अर्णव खरे Arun Arnaw Khare , यायावरी...यादों की / @समीर लाल ‘समीर’ Udan Tashtari / नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , झीरम का अधूरा सच / अनिल द्विवेदी @anil dwivedi / कुणाल शुक्ला Kunal Shuklaऔर प्रीति उपाध्याय @priti upadhyay , विज्ञप्ति भर बारिश / सवाई सिंह शेखावत Sawai Singh Shekhawat / ओम नागर Om Nagar , चीड़ के वनों में लगी आग / आशा खत्री ‘लता’ / आशा शैली Asha Shailly , सच, समय और साक्ष्य, थोड़ी यादें, थोड़ी बातें, थोड़ा डर’ / डॉ. रामप्रकाश वर्मा / शैलेन्द्र शरण Shailendra Sharan , कर्फ़्यू लगा है / अशोक गुजराती Ashok Gujarati / प्रकाश पुरोहित @prakash purohit , कहत कबीर / सत्यानंद ‘सत्य’ / डॉ. सुरेश पटेल Suresh Patel , जोकर ज़िन्दाबाद / अरविन्द कुमार खेड़े @arvind kumar khede / शशिकांत सिंह शशि‘शशि’ @shashikant shashi , मूल्यहीनता का संत्रास / सतीश राठी Satish Rathi / डॉ. लता अग्रवाल DrLata Agrawalgrwal । आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरू Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-
https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-october-december-18-web

https://issuu.com/home/published/shivna_sahityiki_october_december_1
http://shivnaprakashan.blogspot.com/
साफ़्ट कॉपी डाउनलोड करें
http://www.vibhom.com/shivnasahityiki.html

"विभोम-स्वर"का वर्ष : 3, अंक : 12 त्रैमासिक : जनवरी-मार्च 2019 अंक का वेब संस्करण

$
0
0

मित्रो, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingraएवं संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeerके संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम-स्वर" का वर्ष : 3, अंक : 12 त्रैमासिक : जनवरी-मार्च 2019 अंक का वेब संस्करण अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- संपादकीय। मित्रनामा। साक्षात्कार- अभिनव शुक्ल Abhinav Shuklaके साथ सुधा ओम ढींगरा की बातचीत। कथा कहानी- ऑरेंज कलर के भूत / पारुल सिंह, Parul Singhचोर / महेश शर्मा, Mahesh Sharmaकिस्स और बीफ / डॉ. हेमलता यादव, Hemlata Yadavआबे रवाँ -‘‘चौबीस घण्टे रनिंग वाटर’’ / नकुल गौतम, नकुल गौतमदो क़ैदी / शहादत ख़ान Shahadat Mehinuddin , पीटू / संजय कुमार अविनाश , बड़ा आदमी / गोपाल प्रसाद ‘निर्दोष’ डॉ. गोपाल निर्दोष , काश ! ऐसा न होता..... / निशान्त सक्सेना @nishant saxena । लघुकथाएँ- अपना -पराया / देवेंन्द्र सोनी @davendra soni , जानवर /राजेन्द्र वामन काटदरे Rajendra Waman Katdare , माँ / सुधा गोयल Sudha Goyal , समिधा बनने से पहले / @संगीता कुजारा टाक Sangita Tak , थोड़ी सी ईमानदारी / ज्ञानदेव मुकेश @gyandev mukesh , वायरल वीडियो का सच / मार्टिन जॉन Martin John , एक नई आशा / मुकेश कुमार ऋषि वर्मा Mukesh Kumar Rishiverma। व्यंग्य- विश यू स्पीडी रिकवरी/ मदन गुप्ता सपाटू Madan Gupta Spatu , खिसियानी बिल्ली जूता नोचे / धर्मपाल महेंद्र जैन Dharm Jain , नकलः परमो धर्मः/ अशोक गौतम Ashok Gautam। दृष्टिकोण- हिंदी साहित्य : परम्परा और युवा रचनाशीलता / राहुल देव Rahul Dev। आलेख- पारसी थियेटरः बॉलीवुड के पूर्वज /डॉ. अफ़रोज़ ताज Afroz Taj। ग़ज़लें- सोनिया वर्मा Sonia Verma , गौतम राजऋषि। कविताएँ- प्रियंका भारद्वाज, मुकेश पोपली Mukesh Popli , डॉ. शुभदर्शन @shubhdarshan , अर्चना गौतम मीरा Archana Gautam , प्रणव प्रियदर्शी Pranav Priyadarshi , प्रभात सरसिज Prabhat Sarsij , आरती तिवारी Arti Tiwari। नवगीत- जयप्रकाश श्रीवास्तव JaiPrakash Shrivastava , कृष्ण भारतीय @Krishna bharti । नव पल्लव- यूथिका चौहान @yuthika chauhan । समाचार सार - ज्योति जैन की दो पुस्तकों का विमोचन, आर्य स्मृति साहित्य सम्मान, विक्रम सिंह गोहिल को सृजन सम्मान, काव्य संग्रह का विमोचन, गाँधी जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन, ज्योति जैन को कर्मभूमि सम्मान, क्षितिज साहित्य मंच रचना पाठ संगोष्ठी, हिंदी विश्वकोश का गणित खंड भेंट, डॉ. अनिल प्रभा कुमार सम्मानित, सदाशिव कौतुक को ब्रह्मगीर सम्मान, व्यंग्य महोत्सव, लहरों पर कविता, ‘बापू से सीखें’’ का विमोचन, विनोद बब्बर को सौहार्द सम्मान। आख़िरी पन्ना / पंकज सुबीर। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा Babbal Guru डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswamii Shaharyar Amjed Khan Sonu Perwal , आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्क़रण भी समय पर आपके हाथों में होगा।

https://www.slideshare.net/vibhomswar/vibhom-swar-january-march-2019

https://issuu.com/home/published/vibhom_swar_january_march_2019

वेबसाइट से डाउनलोड करें
http://www.vibhom.com/vibhomswar.html
फेस बुक पर
https://www.facebook.com/Vibhomswar
ब्लाग पर
http://vibhomswar.blogspot.in/

कविता कोश पर पढ़ें

http://kavitakosh.org/kk/विभोम_स्वर_पत्रिका

शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 3, अंक : 12 त्रैमासिक : जनवरी-मार्च 2019

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar Amjed Khan , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhके संपादन में शिवना साहित्यिकी Shivna Prakashanका वर्ष : 3, अंक : 12 त्रैमासिक : जनवरी-मार्च 2019 का वेब संस्करण अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- आवरण कविता / आलोक धन्वा। संपादकीय / शहरयार Shaharyar। व्यंग्य चित्र / काजल कुमार Kajal Kumar। पीढ़ियाँ आमने-सामने / चौपड़े की चुड़ैलें / महेश कटारे Mahesh Katare / पंकज सुबीर Pankaj Subeer। समीक्षा पत्र- एक शहर देवास, कवि नईम और मैं! / डॉ. विजय बहादुर सिंह Vijay Bahadur Singh / प्रकाश कान्त Prakash Kant। कथा समीक्षा- मालूशाही! मेरा छलिया-बुरांश / पंकज सुबीर Pankaj Subeer / प्रज्ञा Pragya Rohini। मर... नासपीटी ! / चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी / सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra / पंकज सुबीर Pankaj Subeer। नई पुस्तक- मैं रुक जाऊँ, तो तुम चलना... / डॉ. सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth। फ़िल्म समीक्षा- बधाई हो / वीरेन्द्र जैन Virendra Jain / निर्देशकः अमित रविन्द्रनाथ शर्मा। पुस्तक चर्चा- आतंकवाद पर बातचीत / तेजस पूनिया Tejas Poonia / डॉ. पुनीत बिसारिया, अश्वत्थामा यातना का अमरत्व / दीपक गिरकर Deepak Girkar / अनघा जोगलेकर, नई मधुशाला / अशोक अंजुम Ashok Anjum / सुनील बाजपेयी ‘सरल’, कितना कारावास / राजेंद्र मोहन भटनागर / मुरलीधर वैष्णव Murlidhar Vaishnav। पुस्तक समीक्षा- राग मारवा / अंकित नरवाल Ankit Narwal / ममता सिंह Mamta Singh , ख़ुद से जिरह / जीवन सिंह ठाकुर @jeevan singh thakur / विनोद डेविड, भीतर दबा सच / डॉ. दामोदर खड़से Damodar Khadse / डॉ. रमाकांत शर्मा, संकल्प और सपने / विनिता राहुरिकर Vinita Rahurikar / सदाशिव कौतुक Sadashiv Kautuk , तब तुम कहाँ थे ईश्वर / कुमार विजय गुप्त / आरती तिवारी Arti Tiwari , हरिप्रिया / ऋतु भनोट Bhanot Ritu / कृष्णा अग्निहोत्री Krishna Agnihotri , आज़ादी का जश्न / प्रभाशंकर उपाध्याय @prabhashankar upadhay / राजशेखर चौबे, चारों ओर कुहासा है / डॉ. अजय अनुपम / रघुवीर शर्मा Raghuvir Sharma , भास्कर राव इंजीनियर / घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ Ghanshyam Maithil Amrit / अरुण अर्णव खरे Arun Arnaw Khare , सच कुछ और था / डॉ. सीमा शर्मा सीमा शर्मा / सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra। नाटक समीक्षा- राजा की रसोई, प्रज्ञा Pragya Rohini / रमेश उपाध्याय Ramesh Upadhyaya। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरू Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny GoswamiSonu Perwal। आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-

ऑन लाइन पढ़ें-

https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-january-march-2019

https://issuu.com/home/published/shivna_sahityiki_january_march_2019

साफ़्ट कॉपी डाउनलोड करें

http://www.vibhom.com/shivnasahityiki.html


इंतज़ार समाप्त.... यह गणतंत्र दिवस मनाइये शिवना क्रिएशंस की प्रस्तुति "भारत कहानी"के साथ.... आ रही है 24 जनवरी को... जय भारत.... #republicday #hindustan#patrioticsong #26january #REPUBLICDAY #26thjanuary #deshbhaktisong

JAI HIND JAI BHARAT BHARAT KAHANI PATRIOTIC SONG LYRICS PANKAJ SUBEER, O...

"विभोम-स्वर"का वर्ष : 4, अंक : 13, त्रैमासिक : अप्रैल-जून 2019 अंक का वेब संस्करण

$
0
0

मित्रो, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा एवं संपादक पंकज सुबीर के संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम-स्वर" का वर्ष : 4, अंक : 13, त्रैमासिक : अप्रैल-जून 2019 अंक का वेब संस्करण अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- संपादकीय, मित्रनामा, साक्षात्कार- रामदेव धुरंधर Ramdeo Dhoorundhurसे सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingraकी बातचीत। कथा कहानी- मेरी तीन कसमें ..., हर्ष बाला शर्मा Harshbala Sharma , हरा पत्ता पीला पत्ता, डॉ. हंसा दीप Hansa Deep , शेरा और मैं, उमेश अग्निहोत्री Umesh Agnihotri , शीशों में बंद ज़िंदगी, मंजुश्री Manju Saksena , आप क्यू में हैं....., चौधरी मदन मोहन समर Madan Mohan Samar , ....कि तुम मेरी ज़िंदगी हो, डॉ. पूरन सिंह Puran Singh। लघुकथाएँ - गिरगिट, सुमन कुमार @suman kumar , रसायन, डॉ. विनोद नायक @vinod nayak , व्हेन करैक्टर इज लॉस्ट- सुभाष चंद्र लखेड़ा Subhash Chandra Lakheraa । व्यंग्य- भैंस उसी की - लाठी जिसकी, पूरन सरमा @puran sarma , पुस्तक-महाकुम्भ पर नारदीय रपट, कमलेश पाण्डेय Kamlesh Pandey। शहरों की रूह- एक सुनियोजित व सुरक्षित शहर - कोपनहेगन, अर्चना पैन्यूली Archana Painuly। संस्मरण- तुम्हारा शिष्य, हमारे पाले में आ गया है!, ज़हीर कुरेशी @zaheer qureshi। आलेख- दो बहनों की कथा, (एक पत्रिका के दो नाम : शमा-सुषमा), डॉ. अफ़रोज़ ताज Afroz Tajj । ग़ज़लें- हमीद कानपुरी @hamid kanuri , जय चक्रवर्ती Jai Chakrawartii । कविताएँ- डॉ.अमरेंद्र मिश्र Amrendra Mishra , पंकज त्रिवेदी Pankaj Trivedi , शैलेन्द्र शरण Shailendra Sharann , राजेन्द्र नागदेव Rajendra Nagdev , डॉ. संगम वर्मा डॉ. संगम वर्मा , शिव कुशवाहा @shiv kushwaha , नंदा पाण्डेय Nanda Pandeyy , सलिल सरोज @salil saroj , नीलम पांडेय नील @nilam pandey । गीत- संदीप ‘सरस’ @sandip saras । भाषांतर- अतिया दाऊद , अनुवाद : देवी नागरानी Devi Nangranii । नव पल्लव- अदिति मजूमदार Aditi Majumdarr । समाचार सार- स्पंदन सम्मान समारोह Urmila Shirish , सुबह अब होती है, अब होती है मंचित Neeraj Goswamy , काव्यसंग्रहों का विमोचन Nusrat Mehdi , ओटावा में विश्व हिंदी दिवस Dharm Jain , पावस व्याख्यान माला, ‘सृजन संवाद’, एक शाम अशोक मिज़ाज बद्र के नाम Ashok Mizaj Badr , वैश्विक हिंदी सेवा सम्मान Jawahar Karnavatt , पुरोधा संपादकों की कहानी, ‘यह भी खूब रही’ का विमोचन Swati Tiwarii , ‘‘पत्रकारिता कोश’’, महाराजा सयाजीराव लोक भाषा सम्मान, ‘मन्नत टेलर्स’ का लोकार्पण Pragya Rohinii , ‘‘लेखकों की दुनिया’’, ‘कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार, विश्व हिंदी दिवस समारोह, आख़िरी पन्ना। आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami , शहरयार अमजद ख़ान Shaharyar Amjed Khan , आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्क़रण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
https://www.slideshare.net/vibhomswar/vibhom-swar-april-june-2019

https://issuu.com/vibhomswar/docs/vibhom_swar_april_june_2019
वेबसाइट से डाउनलोड करें
http://www.vibhom.com/vibhomswar.html
फेस बुक पर
https://www.facebook.com/Vibhomswar
ब्लाग पर
http://vibhomswar.blogspot.in/
कविता कोश पर पढ़ें
http://kavitakosh.org/kk/विभोम_स्वर_पत्रिका

शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 4, अंक : 13 त्रैमासिक : अप्रैल जून 2019 का वेब संस्करण

$
0
0

मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक, सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra , प्रबंध संपादक नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamy , संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer , कार्यकारी संपादक, शहरयार Shaharyar Amjed Khann , सह संपादक पारुल सिंह Parul Singhh के संपादन में शिवना साहित्यिकी का वर्ष : 4, अंक : 13 त्रैमासिक : अप्रैल जून 2019 का वेब संस्करण अब उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है-संपादकीय- शहरयार, व्यंग्य चित्र- काजल कुमार Kajal Kumarr । ‘साहित्य समागम’ पर विशेष सामग्री - संस्मरण आलेख- दिल्ली से भोपाल वाया सिहोर रिश्तों की पगडंडियों पर पदयात्रा- आलेख : डॉ. प्रेम जनमेजय, आज तक जो ना हुआ, अब ना होगा यार- आलेख : बुधराम यादव Sameer Yadav , यह साहित्यिक कुंभ स्मरणीय रहेगा- डॉ. कमल किशोर गोयनका Kamal Kishore Goyanka, हिन्दी लेखिका संघ ने किया सुधा ओम ढींगरा का सम्मान Anita Saxena , मुख़्तलिफ़ आवाज़ें....और एक भीनी याद.... - आलेख : वसंत सकरगाए , एक मीठा अनुभव जल तरंगों पर कविता का- आलेख : चौधरी मदन मोहन समर Madan Mohan Samar , हम भी वहीं मौजूद थे..... - आलेख : डॉ. आज़म Mohammed Azam , सीहोर कथा- आलेख : गीताश्री Geeta Shree , ‘अवाक्’ रह जाने का आनंद- आलेख : नीरज गोस्वामी Neeraj Goswamyy , रहा किनारे बैठ- आलेख : धर्मपाल महेंद्र जैन Dharm Jain , अपनापन भी रुला जाता है- मनीषा कुलश्रेष्ठ Manisha Kulshreshthaa , बिना गाँठ के बँधा हुआ रिश्ता- ज्योति जैन, हर लेखिका मल्लिका को जीती है- मनीषा कुलश्रेष्ठ Manisha Kulshreshthaसे पारुल सिंह Parul Singhकी बातचीत। कार्यक्रमों की रपट- बालिका सशक्तिकरण कार्यशाला आष्टा Sameer Thakur , बालिका सशक्तिकरण कार्यशाला सीहोर Sunny GoswamiSunil Suryavnshi , सम्मानित लेखकों के सम्मान में कार्यक्रम एवं रात्रि भोज Shailendra Patel , प्रथम उद्घाटन सत्र सम्मानित लेखकों का रचना पाठ एवं पुस्तक चर्चा Balram GumastaSameer YadavDrGarima Sanjay DubeyUrmila ShirishMahesh Katare , द्वितीय सत्र ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन एवं शिवना अंतर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह Palash SurjanSantosh Choubey , तृतीय सत्र शिवना प्रकाशन पुस्तक विमोचन समारोह Hansa DeepÁkáśh MáthúŕPrasanna Soni , चतुर्थ सत्र कविता की एक शाम लहरों के नाम Shashikant Yadav Yadav Yadav Raghuvir SharmaShailendra SharanBudr Wasti Wasti Wasti Archana NayuduMohammed AzamMadan Mohan Samar , अंतर्राष्ट्रीय शोध-संगोष्ठी।
आवरण चित्र राजेंद्र शर्मा बब्बल गुरू Babbal Guru , डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny GoswamiShivam Goswamii । आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
ऑन लाइन पढ़ें-
https://www.slideshare.net/shivnaprakashan/shivna-sahityiki-april-june-2019

https://issuu.com/home/published/shivna_sahityiki_april_june_2019

साफ़्ट कॉपी डाउनलोड करें

http://www.vibhom.com/shivnasahityiki.html

जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था, पंकज सुबीर का नया उपन्यास

Viewing all 165 articles
Browse latest View live